ननुआ ने तो भंग चढाई धोती फाड़ी ललुआ ने
कर रुमाल धुतिया के भैया ताल लगे कलुआ ने
दिल्ली गूंजी सब जग गूंजा खूब सुने अगुआ ने
बड़ी में के गिर चरणों में धोक लगाईं मनुआ ने
चीनी मिल रही पांच रुपया कडुआ तेल मुफ्त में है
डाल मिल रही दो दो रुपया रोटी संग मुफ्त में है
कैसा सुंदर राज है भैया होली खूब मनाओ जी
हाथों को मलते रह जाओ लाली खूब मुफ्त में है
डॉ.वेद व्यथित
१५७७- सेक्टर -३ फरीदाबाद -१२१००४
http://sahityasrajakved.blogspot.com
dr.vedvyathit@gmail.com
रविवार, 21 फ़रवरी 2010
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Kya karara vyang hai!
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनायें. रंगीन व्यंग.
जवाब देंहटाएंटिप्पणी से वर्ड वेरीफिकेशन हटा दें. थोड़ी असुविधा होती है.
आम आदमी की सरकार है जी
जवाब देंहटाएंGet your book published.. become an author..let the world know of your creativity or else get your own blog book!
जवाब देंहटाएंwww.hummingwords.in/